शरीफा उर्फ sitafal ki kheti kaise kare नमस्कार दोस्तों , आज के इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए भारतीय कृषि उपज फलों से संबंधित ‘ शरीफा फल की खेती कैसे करें’ के बारे में विस्तार से जानेंगे। आप इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।
जैसा की आपको पता है कि भारत,कृषि पर निर्भर देश है और यहाँ सदियों से खेती की जा रही है और लगभग सभी प्रकार की खेती भारत मे की जाती है और उनकी ऊपज भी बहुत अच्छी मात्रा में होती है। जैसे -जैसे भारत विकास कर रहा है वैसे -वैसे भारत में कृषि से संबंधित साधन, टेक्निकल, और फसलों में अच्छी गुणवत्ता व आधुनिक खेती का प्रयोग होता जा रहा है।
किसान, अब बाजारों को समझता जा रहा है और market में जिस फल, या सब्जी,या अन्य उदपादक की मांग को ध्यान में रखते हुए अधिक मुनाफा देने वाली फसलों का या फलों का उत्पादन करने लग गया है जिससे उसे अच्छा मुनाफा मिले, इसी के चलते आज किसान फलों और सब्जियों की खेती पर करके अच्छा मुनाफा कमा रहा है।
आज हम इस पोस्ट में अनानास की खेती के बारे में जानकारी देने वाले है तो आप इस Post को शुरु से अंत तक ध्यान से पड़े। जैसा की शरीफा उर्फ सीताफल एक फल का नाम है और बाजारों में फलों की अच्छी खासी मांग है, शरीफा फल की खेती करके भी हम अच्छा सा मुनाफा कमा सकते है, और इस खेती को करने पर आपको लाभ ही होगा।
sitafal ki kheti kaise kare
शरीफा का उपनाम सीताफल भी होता है ऊपर से सख्त व अंदर से गुदेदार शरीफे होते है। सीताफल में औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह फल मीठा और स्वादिष्ट होता है। किस फल में विटामिन और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस फल को खाने से पेट साफ होता है और त्वचा भी अच्छी होती है। यह फल अन्य रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। आदि
शरीफा शरीफा उर्फ सीताफल की खेती करने के लिए जरूरी जलवायु और जमीन
सीताफल की खेती के लिए सामान्य जरूरत होती है। ना तो ज्यादा गर्मी और ना ही ज्यादा सर्दी की जरूरत होती है। ज्यादा ठंड और पारले पढ़ने वाले स्थानों पर इसकी खेती नहीं करनी चाहिए।
इस फल की खेती करने के लिए गर्भ में मौसम बहुत ही लाभदायक होता है। शरीफा फल को शुष्क जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। शरीफा के पौधे गर्मी में जल्दी बढ़ते हैं और विकास करते हैं। शरीफा के पौधे के लिए 40 डिग्री तापमान उचित होता है इससे अधिक तापमान होने पर फूल झड़ने लगते हैं।
शरीफा उर्फ सीताफल की खेती करने का सही समय
शरीफा के पौधे को गर्मी के मौसम में लगाना चाहिए। पाला पढ़ने में इसका नुकसान होता है। सर्दी के मौसम में यह कठोर हो जाते हैं और जल्दी पकते नहीं है। शरीफा पौधे के फूल के लिए गर्म का मौसम बहुत ही लाभदायक माना गया है। मानसून भारत में फल पकने लग जाते हैं।
शरीफा की खेती करने के लिए आवश्यक मिट्टी और तत्व
इस फल की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है लेकिन दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे ज्यादा लाभदायक होती है। शरीफा के पौधे लगाने के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। खेतों में जलभराव नहीं होना चाहिए। जलभराव होने पर पौधे में कई प्रकार की बीमारी उत्पन्न होती है जिससे पौधा संक्रमित हो जाता है।
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शरीफा की खेती करने में ध्यान रखने योग्य बातें
- सीताफल के पौधे लगाने के लिए कलमी पौधे का उपयोग करें
- कम ऊंचाई सीधे और स्वस्थ पौधे ही लगाएं
- शाम के समय में ही पौधे को लगाया जाना चाहिए।
- शरीफा के पौधे का रोपण जुलाई-अगस्त या फरवरी-मार्च के समय ही लगाया जाता है।
- पौधों के रोपण के बाद सिंचाई करते रहना चाहिए।
- गर्मी के मौसम में 15 दिनों के अंदर सिंचाई कर लेनी चाहिए।
- सीताफल की अच्छी पैदावार के लिए जैविक और रासायनिक उर्वरक समय-समय पर डालें और उसके रखवारी करें।
- खेतों में अनावश्यक खरपतवार नहीं होना चाहिए।
- समय-समय पर दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए जिससे पौधे पर किसी तरह का कोई रोग नहीं हो।
शरीफा की फसल के लिए उन्नत किस्में
यूं तो भारत में शरीफा और सीताफल के कई प्रकार के किस में पाई जाती है इनमें से कुछ इस प्रकार है –
बाला नगर ,लाल सीताफल ,मैमथ , आर्क सहान आदि
बालानगर -यह किस्मत सीताफल की है और इसकी पैदावार आंध्र प्रदेश में पाई जाती है इस पल की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी है और खाने में मीठा लगता है।
लाल सीताफल -इस किस्म का फल जामुनी रंग का होता है इसका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है इस फल में बीज की मात्रा अधिक होती है इस फल के पेड़ पर समय समय के साथ फल भरते रहते हैं।
मैमथ -इस किस्म के फल में बीज कम होते हैं और यह देखने में बोल होते हैं आकार में बड़े होते हैं।
आर्क सहान – एक हाइब्रिड किस्में है इस किस्म को आईआईएचआर भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्था बेंगलुरु ने सिद्ध किया है। इस फल में गुदा अधिक मात्रा में पाया जाता है।
सीताफल की खेती में लागत और कमाई और लाभ
सीताफल का पौधा बिल्कुल संतरे के पौधे के समान होता है। सीतापुर का पौधा 2 साल में फल देना शुरू कर देता है। इस पौधे को लगाने में लागत कम होती है।
सीताफल एक औषधीय फल है इसलिए इसके बाजार में मांग अधिक होती है । इसकी खेती से आप लागत निकालकर प्रति एकड़ 5 से 6 लाख कमा सकते हैं।
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