मूली की खेती कैसे करे? और मूली के खेती की जानकारी

muli ki kheti kaise kare: हम अपने आसपास देखते हैं कि गर्मियों में में शादी का काफी प्रचलन होता है। जिसके चलते हैं इस शादी के सीजन में मूली की खेती के द्वारा कोई भी इंसान बहुत अच्छा मुनाफा कमा सकता है आप सभी को तो पता ही हुए गर्मियों के दिनों में शादी होने के कारण अधिक मात्रा में मूली का सेवन किया जाता है इसका उपयोग मुख्य रूप से सलाद के रूप में किया जाता है।

पिछले कुछ सालों को अगर देखा जाए तो किसानों द्वारा मूली की खेती से काफी अधिक कमाई की गई है जो कि बहुत कम समय में हुई है इसलिए मूली की खेती को लेकर काफी किसान खेती करने की सोच रहे हैं इसलिए अगर आप भी मूली की खेती की जानकारी जानना चाहते हैं और मूली की खेती करके कमाई करना चाहते हैं तो आपको मूली की खेती की पूरी जानकारी को जानने के लिए इस lekh को शुरू से अंतिम तक पढ़ना होगा इसमें आपको पूरी जानकारी विस्तार से बता दी जाएगी।

जैसा कि हमने ऊपर जाना है कि गर्मी में शादियों का सीजन होने की वजह से मूली का अधिक उपयोग किया जाता है बाजारों के हाल जाने तो मूली की मांगे वर्ष भर बनी रहती है और गर्मी के मौसम में तो इनके जरिए काफी अच्छा मुनाफा भी हासिल किया जा सकता है हर किसान एक अच्छा मुनाफा कमाना चाहता है और उसके लिए एक अच्छा ऑप्शन भी हो सकता है।

muli ki kheti kaise kare

  • मूली की खेती करने के लिए सबसे पहले उचित मिट्टी और जलवायु का चयन करें।
  • अब समय पर बीजों की बुवाई करें।
  • अब सिंचाई करे।
  • अब खपतवार को हटाने के लिए और मिट्टी को हल्की करने के लिए निराई गुड़ाई करें।
  • मिट्टी में आवश्यकता अनुसार खाद मिलाए।
  • किट और रोग लग जाते हैं तो उनकी रोकथाम के लिए तरीके अपनाए।
  • अब कुछ दिनों में पतली मूली आपको देखने को मिल जाएगी।
  • इस प्रकार मूली की खेती आप आसानी से कर सकते हैं अनेक स्थानों पर वर्तमान समय में मूली की खेती इसी प्रकार की जाती है।

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मूली की खेती के लिए भूमि

दोस्तों पर बात की जाएगी मूली की खेती के लिए कौन सी मिट्टी का उपयोग किया जाता है तो मुख्य रूप से मूली की खेती के लिए दोमट मिट्टी आवश्यकता होती है और यह मिट्टी जल निकासी वाली मिट्टी होनी चाहिए जलवायु की अगर बात की जाए तो मुली के पौधों के लिए ठंडी जलवायु काफी उचित मानी जाती है मूली के पौधे के लिए अगर पीएच मान की बात की जाए तो 6 से 7 के मध्य होना ही चाहिए। गर्मी के मौसम की अगर बात की जाए तो गर्मी के मौसम में मुली का पौधा अच्छे से वृद्धि नहीं कर सकता है।

मुली की उन्नत किस्में

अगर मूली की खेती के लिए बाजार का अनुसरण किया जाए तो बाजार में कई प्रकार की मूली की इसमें मौजूद है कुछ इस प्रकार की किस्में भी है जो कि कम समय में अधिक पैदावार दे सकती है। जो कुछ इस प्रकार है
जापानी सफेद, रैपिड रेड व्हाइट टिप्ड, हिसार न. 1, पूसा चेतकी पूसा रेशमी पंजाब पंजाब पंजाब अगेती सकुराजिमा जौनपुर मूली, पुसा देसी पूसा हिमानी, इत्यादि इनके अलावा और भी कई प्रकार की किस्में बाजार में मौजूद है जो कि देसी और विदेशी सभी प्रकार की है।

मूली की खेती के लिए तैयारी

अगर आप एक किसान हैं तो आपको पता होगा कि सबसे पहले खेती करने के लिए खेत के अच्छे से साफ सफाई की जाती है पिछली फसल के सभी अवशेषों को पूर्ण रूप से नष्ट कर दिया जाता है उसके बाद मिट्टी की जुताई की जाती है जिसके लिए मिट्टी को उलट-पुलट कर दिया जाता है और मिट्टी को हल्का कर दिया जाता है।

इस मिट्टी जिसे कि हमने उलट-पुलट कर रखा है इस मिट्टी के खेत में प्राकृतिक खाद को आवश्यकतानुसार डाल दिया जाता है रात को डालने के पश्चात कल्टीवेटर के द्वारा दो से तीन तिरछी जुताई को करना चाहिए जिससे कि मिट्टी में मिल सके अब आपको इतना करने के पश्चात खेत में पानी का प्ले कर देना है इतना करने के बाद कुछ समय के लिए इस मिट्टी को ऐसे ही खुली छोड़ दे तत्पश्चात कुछ समय बाद अगर आप इस मिट्टी को देखते हैं तो यह मिट्टी भुरभुरा के लिए रोटावेटर के माध्यम से खेत में जुताई की जा सकती है।

इतनी प्रक्रिया को करने के बाद अब आपको खेत में अच्छे से कांटा लगा कर खेत को एक जैसा समतल कर देना है और ध्यान रहे खेत में जलभराव जैसी समस्या उत्पन्न ना हो सके। इतना करने के पश्चात अब बीजों की अगर बात की जाएगी बीजों को कहा रूपा जाता है तो मूली के बीजों को मेड पर रोपा जाता है। बीजों की रोपाई के लिए अच्छे से मेरे को तैयार किया जाना चाहिए उसके बाद रासायनिक खाद और यूरिया खाद जैसे खाद को आवश्यकतानुसार दे देना चाहिए।

मूली के पौधों की सिंचाई कैसे करें

दोस्तों मूली के बीजों की सिंचाई करने के लिए मूली की रोपाई के तुरंत बाद ही इस खेत में सिंचाई कर दी जाती है। समय-समय पर आवश्यकतानुसार इस फसल को सिंचाई दी जाती है और वही अगर बात की जाए बारिश की तो बारिश के मौसम में तो किसी प्रकार की सिंचाई करने की आवश्यकता ही नहीं है कि प्राकृतिक बारिश होने के कारण पौधों को बारिश के जरिए ही सिंचाई हो जाती है।

मूली के पौधे की पैदावार और लाभ

मूली के पौधे द्वारा केवल 2 महीनों में ही उत्पादन को तैयार कर दिया जाता है यानी कि 2 महीने में एक बीज पौधे का रूप लेकर 2 महीने में बाजार में आने के लिए तैयार हो जाता है मूली तैयार होने के बाद आप मूली के आकार के अनुसार खुदाई कर सकते हैं और इसे बाजार में भी भेज सकते हैं।

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