मोठ की खेती से संबंधित बेसिक जानकारी -नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में मोठ की खेती कैसे करें और इसकी फसल में लगने वाली लागत , उत्पादन और मुनाफे आदि की जानकारी उपलब्ध करवाने वाले हैं अगर आप मोठ की खेती करना चाहते हैं तो आपके लिए आर्टिकल बेहद खास और जरूरी साबित होगा।
दलहनी फसल में मोठ की फसल सबसे अधिक सूखा सहन करने वाली फसल है ,इसलिए इस फसल की पैदावार सूखाग्रस्त रेगिस्तान मरुस्थल क्षेत्रों की महत्वपूर्ण फसल है। मोठ की फसल का उपयोग हरी खाद पशुओं के लिए चारा और दाने के लिए किया जाता है। मोठ की फसल को मरुस्थलीय इलाके और कम वर्षा वाले स्थानों पर आसानी से उगाई जा सकती है । मौत के पौधे की जड़े मिट्टी में गहराई तब जाकर भूमि से नमी प्राप्त कर लेती है।
मोठ की जड़ों में पाए जाने वाला राइजोबियम जीवाणु वायुमंडल से नाइट्रोजन को भूमि में एकत्रित कर लेता है। मोठ की फसल फेलावदार होने के कारण भूमि के कटाव को रोक लेती है। उन्नत तकनीकी द्वारा उन्नत किस्म की बुवाई करके 30 से 50% तक अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
आज हम इस पोस्ट में मोठ की खेती से संबंधित सारी जानकारियां उपलब्ध करवाने वाले हैं।
मोठ की फसल उन्नत किस्में
भारत में सभी फसलों की अलग-अलग किस्में पाई जाती है और उन किस्मो की पैदावार और उत्पादन में वृद्धि, समय अलग अलग होता है। आज हम मोठ की किस्मों के बारे में जानने वाले हैं जो इस प्रकार है जैसे –
- आरएमओ 40
- आरएमओ 257
- जाडिया
- ज्वाला
- काजरी मोठ 2
- काजरी मोठ 3
- आरएमओ 225 ,आदि प्रमुख किस्में है
मोठ की फसल के लिए उपयुक्त मिट्टी
सभी प्रकार की फसलों के लिए एक खास प्रकार की मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। मौत की फसल के लिए बलुई और बलुई दोमट मिट्टी उपयोगी साबित होती है। खेत में जल निकासी की व्यवस्था उचित होनी चाहिए। खेत में पाटा लगा कर भूमि को समतल बना लेना चाहिए।
मोठ के बीज की बुवाई
मोठ की फसल की बुवाई वर्षा ऋतु के समय जुलाई के माह में कर देनी चाहिए। मोठ की फसल खरीफ की फसल होती है। खेतों में जलभराव नहीं होना चाहिए। मोठ के बीच की रोपाई मशीन के द्वारा की जा सकती है। मोटे की बुवाई के लिए पंक्तियों से पंक्तियों की दूरी 45 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए।
मोठ की फसल के लिए उर्वरक की मात्रा
मोठ की फसल एक दलहनी फसल हैं। यह दलहनी फसल होने के कारण इसे नत्रजन की कम मात्रा में आवश्यकता होती है। खेतों में नत्रजन और फास्फोरस की मात्रा डाल सकते हैं। खेतों में गोबर की सड़ी गली खाद डालकर उसे अच्छे से मिट्टी में मिला दे और रोटावेटर की सहायता से मिट्टी को बारिश और भुरभुरा बना ले। मोठ के बीजों को राइजोबियम कल्चर को एक से डेढ़ लीटर पानी में और गुड़ के साथ गोल बनाकर बीज उपचारित कर लेना चाहिए।
मोठ की फसल में खरपतवार नियंत्रण
जब हम किसी प्रकार की पसंद की बुवाई करते हैं तो उस पसंद के साथ-साथ अनावश्यक पौधे भी आते हैं पौधे को खरपतवार कहा जाता है। मोठ की फसल में खरपतवार फसल के लिऐ हानिकारक होते हैं। मोठ की फसल में समय-समय पर प्राकृतिक विधि द्वारा निराई गुड़ाई करके खरपतवार को खेत से बाहर निकाल देना चाहिए। खरपतवार रासायनिक दवाइयों के माध्यम से भी नष्ट किया जा सकता है।
मोठ की फसल में लगने वाले कीट और रोग
जब किसान किसी तरह की फसल का बुवाई करता है और उत्पादन करता है तो उस फसल में किसी ना किसी प्रकार की कीट और रोग जैसी बीमारियां लग जाती है जो फसल को पूरी तरह नष्ट करने के लिए तैयार होती है, उन रोग और कीटो से छुटकारा पाने के लिए समय-समय पर रासायनिक कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके फसल को नष्ट होने से बचा जा सकता है।
मोठ की फसल में लगने वाले कीट और रोग इस प्रकार है जैसे –
- दीमक
- मॉयल, मक्खी
- फली छेदक
- तना झुलसा रोग आदि मुख्य रोग है।
मोठ की पसंद की कटाई और पैदावार
मोठ की फसल पूर्ण रूप से विकसित होकर फलिया पककर तैयार हो जाती है और पौधा पीला पड़ जाता है तो इस फसल की कटाई की जानी चाहिए।
मोठ की फसल उन्नत तकनीकी और उन्नत किस्मो द्वारा खेती करने पर प्रति हेक्टेयर भूमि से 7 से 8 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं या इससे अधिक फसल की पैदावार ले सकते हैं।
मोठ की फसल का बाजार में भाव अच्छा रहता है और भारी मांग होने के कारण यह फसल की बिक्री भी हो जाती है।
निष्कर्ष
आज हमने आपको इस पोस्ट में मोठ की खेती से जुड़ी सभी जानकारियां जैसे किस्में, लागत, पैदावार,और मुनाफा आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी उपलब्ध की है।
हमें उम्मीद है कि जब पोस्ट आपको बहुत पसंद आई होगी हम आपसे आशा करते हैं कि आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और उन्हें मोठ की खेती करने के बारे में बताएं और इससे होने वाले लाभ , कमाई,और मुनाफा आदि के बारे में जानकारी दें।
आगे भी हम आपके लिए खेतीबाड़ी से संबंधित फसलों के बारे में नए-नए आर्टिकल और नई नई फसलों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान करवाने वाले है
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