महोगनी की खेती कैसे करें महोगनी एक वृक्ष का नाम है इस लेख में आज हम इसी वृक्ष के बारे में बात करने वाले हैं किस प्रकार से इस वृक्ष की खेती की जा सकती है और खेती को करके यहां से मुनाफा कमाया जा सकता है |
आज एक किसान यही चाहता है कि वह किसी ना किसी प्रकार से खेती को करके वहां से अपनी आर्थिक स्थिति को कैसे ना कैसे सही कर सके महोगनी की खेती को करने के लिए कौनसी उपयुक्त मिट्टी की आवश्यकता होती है इसके अलावा कौन सी जलवायु और कितने तापमान की आवश्यकता होती है | खेती को करने से हमें कितना लाभ मिल सकता है और मोहिनी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी आज आपको इस लेख में मिलने वाले हैं इसलिए दोस्तों आपसे निवेदन है कि आप इस लेख को एक बार अंतिम तक जरूर पढ़ें जिससे कि आपको भी मोहनी की संपूर्ण जानकारी का पता चल सके और आप अगर महोगनी की खेती को करना चाहे तो जानकारी को जानने के बाद आप महोगनी की खेती को कर सकते हैं |
महोगनी को एक बहुत ही आवश्यक वृक्ष के रूप में देखा जाता है और यह सच में भी बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस वृक्ष के उपयोग किसी ना किसी प्रकार से किया जाता है हर एक व्यापारी इसमें व्यापारिक उद्देश्य से इसकी खेती को करता है इस वृक्ष की मजबूती बहुत अधिक होती है अक्षय जहाज में लकड़ी का उपयोग किया जाता है तो दोस्तों महोगनी के इस्तेमाल के जरिए फर्नीचर जहाज और प्लाईवुड मूर्तियां बनाने आदि जैसे मजबूत कामों में महोगनी के वृक्ष का उपयोग किया जाता है साथी इसका उपयोग और भी कई प्रकार से किया जाता है हर पौधा एक औषधीय रूप में होता है उसी प्रकार महोगनी औषधीय पौधा है |
इस वृक्ष के बीजों और फूलों का इस्तेमाल कई प्रकार की औषधियां और दवाइयों को बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा और भी कई ऐसे सारे वृक्ष है जैन का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इस वृक्ष की सबसे अच्छी और खास बात यह है कि इस वृक्ष के पत्तों पर किसी भी प्रकार के कीट पतंगे या फिर मच्छर नहीं बैठते हैं और ना ही आसपास नजर आते हैं।
इसी वजह से अपने घर में उपयोग होने वाली कई प्रकार की सामग्रियों में इसका उपयोग किया जाता है जैसे कि साबुन में और खेतों पर कीटनाशक दवाइयों में इसके अतिरिक्त मच्छर भगाने वाली दवाइयों में कीट पतंगों को भगाने में इत्यादि में इसके वृक्ष की पत्तियों का उपयोग किया जाता है। तो दोस्तों अब तक आप बहुत सारी जानकारी समझ चुके होंगे के महोगनी का पेड़ कितना आवश्यक है अब हम इसकी खेती की जानकारी को विस्तार से जान लेते हैं क्योंकि अभी तक तो हमने केवल इसके वृक्ष की खासियत और उनके उपयोग के बारे में ही बात की है अब हम खेती करने के बारे में जान लेते हैं |
महोगनी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
दोस्तों अगर मोगिनी के पेड़ों को उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी की अगर बात की जाए तो महोगनी के पेड़ों को किसी भी तरह की उपजाऊ मिट्टी में बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है लेकिन इन पेड़ों को लगाने के लिए कुछ सावधानी आपको जरूर रखनी चाहिए जिसमें कि आप किसी ऐसी भूमिका चुनाव ना करें जो कि जलभराव भूमि हो आप जल निकासी वाली अच्छी भूमि का उपयोग करें क्या आप का पौधा अच्छे से विकास कर सके अक्सर लोग बिना जल निकासी वाली भूमि में ही इस पौधे को रोपण कर देते हैं इस वृक्ष को लगा देते हैं जिससे कि वह वृक्ष अच्छे से विकास नहीं कर पाता है आपको इस गलती को नहीं करना है आपको ध्यान देकर जल निकासी वाले मिट्टी का उपयोग करना है जल निकासी वाली भूमि का उपयोग करना है |
महोगनी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान
महोगनी कि किसी को करने के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पेड़ों की खेती की जाती है क्योंकि अधिक वर्षा में इसके पेड़ अच्छे से विकास नहीं कर पाते हैं यानी कि इसके विकास के लिए अधिक वर्षा अच्छी नहीं रहती है, इसके पौधे को अच्छे से विकास करने के लिए सामान्य मौसम की आवश्यकता होती है |
महोगनी की जड़े अधिक गहराई में नहीं जाती है हम अक्सर देखते हैं कि बहुत सारे पेड़ों की जड़ें अफसर गहराई में नजर आती है लेकिन महोदय ने एक ऐसा वृक्ष है जिसकी जड़े ज्यादा गहराई में नहीं होकर बल्कि कम गहराई में होती है जिससे कि तेज हवाओं का इन पेड़ों के लिए खतरा होता है वहीं अगर इस पेड़ के विकास के लिए तापमान की आवश्यकता की बात की जाए तो इस बेल को अच्छे से विकास करने के लिए सर्दी और गर्मी के मौसम में 15 डिग्री से लेकर 35 डिग्री तक के तापमान की आवश्यकता होती है |
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महोगनी की महोगनी के वृक्षों की उन्नत किस्में
दोस्तों अब तक हमने इस लेख में महोगनी के वृक्ष से जुड़ी लगभग बहुत सी जानकारी को जान लिया है आगे भी हम इसी प्रकार की जानकारी को जानते रहेंगे अब हम यहां पर महोगनी के वृक्षों की किस्मों के बारे में जानकारी को जान लेते हैं अगर भारत की बात की जाए तो वर्तमान में अभी तक तो भारत में इस वृक्ष की कोई भी ऐसे ही खास प्रजाति हाथ नहीं लगी है अभी तक भारत में केवल 5 विदेशी किस्में मौजूद हैं जो कि कुछ इस प्रकार से है मैक्सिकन न्यूजीलैंड अफ्रीकन फाउंडेशन इत्यादि प्रकार की खास किस्में भारत में अभी उपलब्ध हैं |
निष्कर्ष
तो जैसा कि दोस्तों इस लेख में हमने महोगनी की संपूर्ण जानकारी को जान लिया है | आपको हमारे द्वारा लिखे गए लेख कैसा लगा है आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं साथ ही आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें महोगनी का वृक्ष एक 50 फीट से लेकर 500 फीट तक का वृक्ष होता है | यह 1 एकड़ में लगभग करोड़ों रुपए की कमाई की जा सकती है ऊपर आप जान चुके हैं कि महोगनी वृक्ष कितना कीमती वृक्ष है और जो कीमती होता है उसके पैसे हमें जरूर मिलते हैं |