खुबानी की खेती कैसे करें?

khubani ki kheti kaise kare : दोस्तों स्वागत है आज आपका एक और शानदार लेख मैं आज हम इस लेख में खुबानी की खेती कैसे करें की जानकारी को जानने वाले हैं। खुबानी जो कि एक स्वाद में स्वादिष्ट और महंगा फल है। खुबानी के फल कई रंग के पाए जाते हैं जिसमें की सफेद फल, पीले फल, गुलाबी और बुरे पाए जाते हैं।

इस फल को आलू बुखारा और आडू की प्रजाति का है। इस फल को भारत में शुष्क शीतोष्ण और मध्य पहाड़ियों में उगाया जाता है वहां पर उगाए जाने वाला यह पल बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह फल को हिमाचल प्रदेश और शिमला की पहाड़ियों में जंगली रूप से उग सकता है।

इस फल का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है जैम, अमृत, मिटाई खुबानी फलों में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। हमारे भारत देश में इस फल की व्यवसायिक खेती काफी कम की जाती है। इन फलों को सुखा कर डिब्बे में बंद किया जा सकता है।

खुबानी के फलों के अंदर गुठली होती है। यह फल की खेती भारत में चोले के नाम से प्रचलित है। खुबानी की सबसे अधिक कर्षि तुर्की में की जाती है। खुबानी के पौधे की ऊंचाई सामान्य होती है।

khubani ki kheti kaise kare

  • खुबानी की खेती करने के लिए सबसे पहले उचित मिट्टी और जलवायु का चयन करें।
  • अब नवंबर से दिसंबर बीच में बीज से बुवाई करें या फिर फरवरी से मार्च के बीच में कलम लगाए।
  • अब नियमित रूप से सिंचाई करे।
  • अब खपतवार को हटाने के लिए और मिट्टी को हल्की करने के लिए निराई गुड़ाई करें।
  • अगर किट और रोग लग जाते हैं तो उनकी रोकथाम के लिए तरीके अपनाए।
  • अब समय का इंतजार करें और फसल पूरी तरीके से पक जाए उसके बाद में फल को तोड़े।
  • इस प्रकार खुबानी की खेती आसानी से की जा सकेगी।

खुबानी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

इस खेती के लिए दोमट मिट्टी के आवश्यकता पढ़ती है खुबानी की खेती उचित जल निकासी वाले क्षेत्र में की जाती है भूमि के पीएच मैं आपको पीएच मान 7 के आसपास वाली मिट्टी की आवश्यकता पढ़ती है

जलवायु और तापमान

खुबानी की खेती के लिए तापमान की अगर बात की जाए तो सामान्य तापमान इस खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है निम्न तापमान पर पौधे आसानी से विकास कर के तैयार हो जाते हैं जब पौधा अच्छे से विकास करके तैयार हो जाता है तो पौधे के ऊपर फुल बनने के पश्चात 5 डिग्री से ऊपर वाला तापमान चाहिए अगर 5 डिग्री से तापमान नीचे है तो खुबानी के पौधे पर लगे हुए फूल खराब हो जाते हैं। फलों के विकास के लिए 7 डिग्री या इसके आसपास का तापमान तो जरूरी होता है और अगर बेहतर विकास की बात की जाए तो बेहतर विकास के लिए औसतन तापमान 15 डिग्री से लेकर 30 डिग्री के बीच अच्छा माना जाता है

खुबानी की खेती के लिए उपयुक्त होने वाले स्थान कुछ इस प्रकार है पानी की खेती करने के लिए समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई के जो स्थान पाए जाते हैं वह स्थान इस फल की खेती के लिए काफी उपयुक्त माने जाते हैं। जलवायु में आपको शीतोष्ण और समशीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु की आवश्यकता पड़ती है जिससे कि इनके पौधे अच्छे से विकास कर सके। खुबानी का पौधा प्राकृतिक तेज गर्मी को सहन करने की क्षमता नहीं रखता है यानी कि वह तेज गर्मी को सहन नहीं कर पाता है।

खुबानी की खेती के लिए उन्नत किस्में

खुबानी फल कि कई प्रकार की किस में पाई जाती है जो कि अलग-अलग समय पर और अलग-अलग विधि के द्वारा तैयार की जाती है और अधिक पैदावार को हासिल किया जाता है। जो कि कुछ इस प्रकार है

केशा

केशा खुबानी की एक उन्नत किस्म है। यह किस्म जून में फल देने लग जाती हैं। जल्दी पैदावार के लिए इसी उन्नत किस्म का उपयोग किया जाता है ताकि जल्दी पैदावार को प्राप्त किया जा सके और उसका उपयोग बड़ी आसानी से किया जा सकता है। अगर फल के बारे में बात की जाए तो इस किस्म के फल सामान्य आकार और गोल होते हैं। इस फल का रंग पीला दिखाई देता है।

गौरव लाल गाल खूबानी

गौरव लाल गाल खुबानी भी एक उन्नत किस्में है जो के पौधे लगवाने के पश्चात 4 सालों के बाद पैदावार देती है। 15 साल के लगभग आसपास इन पौधों के द्वारा 80 से 100 किलो प्रति पेड़ के हिसाब से फलों को प्राप्त किया जाता है गर्मी के कर बात की जाए तो यह पौधा आसानी से गर्मी को सहन कर सकता है और बाद में अत्यधिक मीठा होता है।

काला मखमल

काला मखमल भी एक उन्नत सकर किस्में है इस किस्म को अमेरिकी खूबानी और चेरी बेर इन दोनों के संक्रमण के द्वारा इस किस्म को तैयार किया गया है अगर इस पौधे की ऊंचाई की बात की जाए तो इस पौधे की ऊंचाई बहुत ही कम होती है। इस किस्म का उपयोग सामान्यता आचार बनाने में भी किया जा सकता है। यह फल काला रंग का होता है। इसे अगस्त महीने में प्राप्त किया जा सकता है। काला मखमल की उन्नत किस्में देर से फलों की पैदावार देती है।

इनके अलावा और भी कई प्रकार की किस्में खुबानी की है जो कि कुछ इस प्रकार है
अनानास खुबानी ,चारमग्ज ,ब्लैक प्रिंस, सफेदा सफेदा हरकोट

खुबानी की खेती की तैयारी

खुबानी की खेती करने के लिए खेत में गड्ढे को तैयार किया जाता है उन गड्ढों में पौधे को लगाया जाता है। सबसे पहले तो खेत में जुताई की जाती है मिट्टी को उलट-पुलट कर दिया जाता है जिससे की मिट्टी को भुरभुरा किया जाता है और इसके लिए सबसे पहले खेत के अच्छे से साफ सफाई की जाती है और हल चलाकर और जुताई करके खेत में रोटावेटर चलाया जाता है जिससे कि मिट्टी को बुरा कर दिया जाए। मिट्टी भुरभुरा हो जाती है तो उसमें पाटा लगा दिया जाता है पाटा इसलिए लगाया जाता है क्योंकि समतल भूमि रहे और खेत में जलभराव जैसी किसी प्रकार की समस्या ना रहे। अन्यथा इस खेती को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

जग भूमि को समतल कर दिया जाता है तो उसके पश्चात आपको गड्ढे को तैयार करना चाहिए इन गड्ढों की एक सीधी पंक्ति होनी चाहिए और गड्ढों के बीच कि अगर दूरी की बात की जाए तो 5 से 6 मीटर की दूरी पंछियों के बीच बीच में जरूर होनी चाहिए। इतना करने के बाद अब आपको जैविक खाद और रसायनिक और की आवश्यकता अनुसार मात्रा मिट्टी में मिला कर गड्ढों में भर देनी चाहिए और गड्ढों की सिंचाई करनी चाहिए जिससे कि गड्ढे में पड़ी मिट्टी अच्छी और कठोर आकार की हो जाए इस प्रक्रिया को आपको पौधे की रोपाई करने से पहले ही कर लेना चाहिए आपको लगभग 3 महीने पहले इस काम को कर लेना चाहिए इन गड्ढों को तैयार कर लेना चाहिए।

पैदावार और लाभ

खुबानी के पौधे की एक खास बात है कि इसे एक बार अगर लगा दिया जाए तो इसके बाद में यह 50 से लेकर 60 वर्षों तक अच्छी पैदावार देता है खुबानी के पौधे 85 किलो तक के आसपास फलों की पैदावार दे देते हैं खुबानी के फल को अगर बाजार में बेचा जाए तो यह ₹100 किलो तक बिक जाता है। इस फल को सुखाकर भी बेचा जा सकता है और वहां तो यह और भी अधिक पैसे देता है। यानी कि इस फल की कीमत वहां तो और भी अधिक होती हैं। एक हेक्टेयर इन फलों के द्वारा 20 लाख रुपए तक की कमाई को बड़ी आसानी से किया जा सकता है।

Leave a comment