हींग की खेती के बारे में बेसिक जानकारी हींग का पौधा या हींग की खेती भारत के लिए बहुत ही दुर्लभ होती है पैदावार और बदावर के लिए भारत की जलवायु भूमि मिट्टी उपयुक्त नहीं होती है। हालांकि हींग की खपत भारत में अन्य देशों की तुलना से अधिक होती है हाल ही में सीएसआईआर और इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालय बेयरिसॉर्स टेक्नोलॉजी में 2016 से की जा रही रिसर्च ने भारत में हींग की खेती करने को सफल बनाया है।
हींग कई प्रकार की होती है और यह औषधि के रूप में भी काम में ली जाती है। सभी अलग-अलग प्रकार की हींग का भाव अलग अलग होता है। बाद में सीएसआईआर की पहल पर सफल रिसर्च में आगे कहा गया है कि आने वाले समय में कश्मीर उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हींग की खेती करके देश में महंगी हींग के आयात की समस्या को कम कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में कश्मीर हिमाचल प्रदेश हिमालय के क्षेत्र लद्दाख पंजाब उत्तराखंड के सभी किसान हींग की खेती करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
भारत की हर घर की रसोइयों में सिंगर की खुशबू और सुगंध और भोजन व्यजनों में थोड़ा का प्रसिद्ध हो चुका है। आज हम आपको हींग की खेती कैसे करें के बारे में इस पोस्ट में बताएंगे आप इस पोस्ट को एक बार शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
हींग की खेती कब और कैसे की जाती है
हिंग का पौधा सोफ की प्रजाति का ईरानी मूल का पौधा है। पहाड़ी इलाकों में ज्यादा ही फूलता है। भारत में 2020 से हींग की खेती बड़े स्तर पर की जाने लगी है। नए किसान को सलाह है कि उचित क्या प्रशिक्षण प्राप्त करके ही हींग की खेती करें। हम आपको बता दें कि इस रिसर्च से पहले भारत में हींग की खेती संभव नहीं होती थी यह की खेती का उत्पादन पहले कभी नहीं हुआ था।
हींग को पौधे के किस भाग से प्राप्त किया जाता है
हींग के पौधे के नीचे मिट्टी में प्रकांडो और ऊपरी जड़ों से गोंद के जैसे शुष्क वानस्पतिक दूध रिसता रहता है। इसको एकत्र करके पाउडर बनाकर हींग के रूप में काम में लिया जाता है।
हींग की खेती के लिए उपयोग जलवायु
हींग की खेती अभी तक केवल पहाड़ी इलाकों में ही होती है कम ठंडे और शुष्क वातावरण वाले क्षेत्रों में हींग की खेती की जा सकती है हींग की खेती करने के लिए 20 डिग्री तापमान से 30 डिग्री तापमान आवश्यक होता है और इस तापमान में हींग की खेती आसानी से हो सकती है।
हींग की खेती के लिए खेतों की तैयारियां
हींग की खेती रेतीली मिट्टी या खेती रेट मिट्टी के ठेले और अधिक चिकनी जमीन में उगाया जाता है। पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में हींग की खेती आसानी से हो सकती है। जहां पर जलभराव की समस्या नहीं होती है वहां पर भी हींग की खेती की जा सकती है। हींग के पौधे के अच्छे विकास के लिए जैविक खाद ज्यादा उत्तम हो माना गया है।
हींग की फसल में रोगों से बचाव
हींग की खेती करने में आपको हींग में लगने वाले लोगों की समस्या नहीं आती है। हींग की फसल में वर्तमान समय में तापमान और जलवायु ,मिट्टी ही रोग बने हुए हैं। हींग का पौधा 30 से 35 डिग्री तापमान सहन कर सकता है तापमान का इससे अधिक होने पर हिंग का पौधा खराब हो सकता है।
भारत में हींग की खेती
भारत में विश्व का सबसे बड़ा हींग उपभोक्ता है इसके बावजूद भी भारत को हींग विदेशों से मंगवानी पड़ती है। भारत हर वर्ष लगभग 1100 टन हींग आयात करनी पड़ती है। प्रतिवर्ष 70 मिलियन रुपए की खरीद करते हैं।
भारत में हींग की खेती हिमाचल प्रदेश में लाहौल स्पीति में हुई। वर्तमान में भारत में हींग उगाने का कार्य शुरू कर दिया है।
हींग की खेती से लाभ और कमाई
अगर आप फसलों के जरिए अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो हींग की खेती आपके लिए सबसे अच्छी कारगार साबित होने वाली है। हींग का बाजार में 35000 रूपये से कीमत शुरू होती हैं। हींग का भाव इसकी गुणवत्ता के अनुसार और भी बढ़ जाती है। भारत में हींग का व्यापार काफी फैला हुआ है क्योंकि हींग का उत्पादन भारत में नहीं होता और हर वर्ष करोड़ों का व्यापार संपन्न होता है।
भारत में हींग की खेती कहां होती है
वर्तमान समय में भारत में हींग की खेती पंजाब लद्दाख कश्मीर उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश आदि में की जाती है।
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि हमने आपको इस पोस्ट में हींग की खेती कैसे करें के बारे में जानकारी प्रदान की है हमें उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट बहुत ही पसंद आई होगी और आप हींग की खेती के बारे में स्पष्ट और सही रूप से जान गए होंगे आशा करते हैं कि आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करेंगे।
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