नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से दालचीनी की खेती कैसे करें? और इसके फायदे ? और क्या क्या उपयोग में दालचीनी को लाया जाता है? आदि के बारे में बताएंगे। यह पोस्ट दालचीनी की खेती कैसे करें? के लिए बेहद खास और जरूरत होने वाली है।
दालचीनी की खेती मसाले वाले फसल की खेती हैं खेती को करके अच्छा सा कमाई और मुनाफा किया जा सकता है, इस मसाले की बाजार की मांग अधिक होने के कारण अच्छी बिक्री होती है, और फायदा होता है। दालचीनी एक मसाले का नाम है यह भोजन व्यंजन में उपयोग किया जाता है। इस मसाले दार को डालकर सब्जी में सुगंध और स्वाद दोनो ही लाया जाता है।
अगर आप दाल चीनी की खेती करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें।
दालचीनी मसाला
यह मसाला भूरे रंग की सुगंध से भरपूर होता है और चिकनी युक्त होता है। यह मसाला शारीरिक परेशानियों से जुड़े जैसे दांत, चर्म रोग ,सिरदर्द ,विकार, भूख न लगना आदि समस्याओं में राहत प्रदान करता है। इस मसाले में सभी प्रकार के गुण पाए जाते हैं जिस वजह से सभी मौसम में दालचीनी की डिमांड होती है। दालचीनी की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है और यह लाभ देने वाली फसल है।
दालचीनी की खेती के लिए जलवायु
दालचीनी की खेती कटिबंधीय गर्म जलवायु में की जा सकती है। दालचीनी की खेती गर्म और ठंडी दोनों जलवायु पौधों के विकास के लिए बेहतर होती है। इस फसल की पैदावार के लिए 200 से 250 सेंटीमीटर तक की वर्षा बहुत होती है। इस जलवायु में दालचीनी की खेती करके अच्छी उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
दालचीनी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
किसी ना किसी फसल के उत्पादन के लिए आपको एक प्रमुख प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है जिससे आप उस फसल की उत्पादन अधिक कर सकते हैं।
दालचीनी की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी उचित मानी जाती है। इस फसल की खेती करने के लिए क्षेत्र में जलभराव नहीं होना चाहिए। जलभराव निकासी युक्त भूमि का उपयोग किस फसल की खेती के लिए कर सकते हैं और उत्पादन अधिक कर सकते हैं अधीक कर सकते हैं।
दालचीनी की खेती के लिए समय
जब हम किसी प्रकार की फसल का उत्पादन और खेती करते हैं तो उसके लिए एक निश्चित समय होता है उस निश्चित समय में हम उस फसल की खेती करके अच्छा सा उत्पादन और कमाई कर सकते हैं।
किसान दालचीनी की खेती जून से जुलाई के माह से शुरु कर देता है। इस फसल के पौधे की रोपाई जून से जुलाई महिने की वर्षा ऋतु में कर सकते हैं।
दालचीनी की खेती के लिए खेत की तैयारियां
जब हम किसी प्रकार की फसल का उत्पादन करते हैं तो सबसे पहले खेतों को तैयार करना होता है। इस फसल की खेती करने के लिए खेतों को तैयार इस प्रकार कर सकते हैं-सबसे पहले खेत को गहराई से जुताई करके मिट्टी को उत्तल पुथल करना होता है। खेत में सामान्य दूरियों पर गड्डे कर देना चाहिए। गड्ढों के आपस में बीच की दूरी 3 सेंटीमीटर या 4 सेंटीमीटर तक रखें। दालचीनी के पौधों की रोपाई जून से जुलाई महीने के वर्षा ऋतु में करें। इस फसल में समय-समय पर निराई गुड़ाई करने आवश्यक होती है।
दालचीनी की खेती के लिए उर्वरक की मात्रा
जब हम किसी प्रकार की फसल का उत्पादन करते हैं तो खेत में प्राप्त रूप से उर्वरक क्षमता होनी आवश्यक होती है जिससे उस फसल का उत्पादन अधिक कर सकते हैं। दालचीनी के खेती करते समय गड्ढों में गोबर खाद या वर्मी कंपोस्ट खाद डालना होता है। पौधारोपण के पहले वर्ष पौधों को यूरिया, फास्फेट, म्यूरेट और पोटाश डाल दे। प्रतिवर्ष खेत में उर्वरक खाद को डालना चाहिए। खेतों में उर्वरक डालकर हम फसल की अच्छा उत्पादन कर सकते हैं और अधिक कमाई कर सकते हैं। जितना अधिक उर्वरक क्षमता उतना अधिक उत्पादन में बढ़ोतरी।
दालचीनी की खेती के लिए उन्नत किस्में
भारत में सभी प्रकार की फसलों के लिए कई प्रकार की किस्में होती हैं और सभी किस्मों की पैदावार और समय अलग अलग होता है। भारत में दालचीनी की कई प्रकार की किस में पाई जाती है जो इस प्रकार है –
- नित्यश्री
- नवश्री
- सिनमोसम कैसिया
- सिनमोसम वर्म
- किनमोसम लौरेरी
- आदि कई तरह की किस्म होती है , इन फसलों की उगाई करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।
दालचीनी के बारे में बेसिक जानकारी
- दालचीनी श्रीलंका एवं दक्षिणी भारत में बहुतायत और पर्याप्त रूप से उगाया जाता है।
- दालचीनी का पौधा सदाबहार होता है 10 से 15 मीटर ऊंचा होता है।
- दालचीनी के पेड़ की छाल से मसाला बनाया जाता है।
- दालचीनी के पेड़ की पत्तियों के तेल से मच्छर को भगाया जाता है।
- रसोई में सब्जी व्यंजन में उपयोग लाया जता है।
निष्कर्ष
आज हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से दालचीनी की खेती कैसे करें और इसकी कमाई और लागत आदि के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया है हमें उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट बहुत ज्यादा पसंद आई होगी। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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