अजवाइन की खेती कैसे की जाती है, दोस्तों तो स्वागत है आज आपका एक और नए लेख में आज के इस लेख में हम आपको अजवाइन की खेती की पूरी जानकारी को बताने वाले हैं किस प्रकार से आप अजवाइन की खेती को कर सकते हैं और उससे पैसे कमा सकते हैं। इसे कम जानने वाले हैं कि अजवाइन की खेती कैसे करें अजवाइन की पैदावार और कीमत अजवाइन की खेती में उपयोगिता होने वाली मिट्टी और जलवायु अजवाइन की खेती से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी आज आपको इस लेख के माध्यम से मिल जाएगी।
आपने कभी ना कभी अजवाइन का नाम तो सुना ही होगा अजवाइन झाड़ी नुमा वनस्पति होता है। कई बार हम इसे मसाले और औषधि के रूप में प्रयोग में लेते हैं। इसे हम बाजारों से और इत्यादि जगहों से बड़ी आसानी से खरीद सकते हैं अगर इसकी खेती की बात की जाए तो दोस्त की खेती को छोटे पैमाने से किया जाता है। अजवाइन के पौधे की लंबाई 1 मीटर तक की होती है। अजवाइन मानव शरीर के लिए अत्यधिक लाभदायक हैं क्योंकि अजवाइन में कई प्रकार के खनिज तत्वों का मिश्रण पाया जाता है इसीलिए यह मानव शरीर के लिए अत्यधिक लाभदायक है।
अजवाइन का उपयोग एक तो मसाले के रूप में किया जाता है और दूसरा उसकी औषधिया बनाने में मसाले से तो आप समझ चुके होंगे और औषधि से भी आप समझ चुके होंगे औषधियों के रूप में इसका उपयोग करने के लिए इसके दानों से तेल को निकालकर उपयोग में लाया जाता है।
अजवाइन की खेती को कब करें
तो चलिए दोस्तों अब हम अजवाइन की खेती की जानकारी को जान लेते हैं कि इस फसल को कब प्राप्त किया जा सकता है कब उगाया जाता है। अजवाइन की खेती एक रबी की फसल है। बड़ी आसानी से कर सकते हैं। इस खेती को किसी प्रकार से अधिक जल की जरूरत नहीं है। यानी कि अगर कम वर्षा होती है तो भी आप इस खेती को कर सकते हैं। भारत में अजवाइन की सबसे अधिक पैदावार महाराष्ट्र पंजाब तमिलनाडु उत्तर प्रदेश बिहार आंध्र प्रदेश राजस्थान पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में मुख्य रूप से किया जाता।
अजवाइन की खेती के लिए मिट्टी और उपयुक्त जलवायु
अगर आप एक किसान है तो आपको तो पता ही होगा की मिट्टी का उपयोग और मिट्टी के प्रकार फसल के लिए कितने अलग-अलग और लाभदायक होते हैं। अगर कोई व्यक्ति अजवाइन की खेती को करता है तो इस खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी बलुई मिट्टी होती है। कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे कि खेती करने के लिए चुनी गई भूमि जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी होनी चाहिए जिसे बाद में किसी प्रकार की समस्या ना हो। अजवाइन की खेती करने के लिए यदि भूमि का पीएच मान की बात की जाए तो के लिए भूमि का पीएच मान 6.5 से 8 के मध्य होना चाहिए।
जलवायु की अगर बात की जाए कि यह पौधा किस जलवायु में अच्छे से विकास करता है तो इस पौधे को अच्छे से विकास करने के लिए आपको ठंडी जलवायु की जरूरत पड़ती है। किस का पौधा एक उष्णकटिबंधीय पौधा होता है। भले ही इस पौधे को विकास करने के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है लेकिन जब इसके पौधे पक जाते हैं तो पकने के बाद इस फसल को गर्म जलवायु की जरूरत पड़ती है।
अजवाइन की किस्में
वर्तमान में अजवाइन की कई किस्में बाजार में मौजूद है जोकि अच्छी खासी पैदावार दे देती है। पहले हम अजवाइन के किसानों के बारे में बात कर लेते हैं उसके बाद हम विस्तार से उसकी जानकारी को जान लेंगे।
लाभ सेक्शन 1 किस्म के पौधे
दोस्तों अगर आप अजवाइन की खेती हो करना चाहते हैं और कम समय में ही लाभ कमाना चाहते हैं तो अजवाइन की यह किस्म आपके लिए काफी बेहतर हो सकती है इस किस्म को गुजरात और राजस्थान राज्य के कुछ क्षेत्रों में किसानों के द्वारा उगाया जाता है। इस पौधे को पक कर तैयार होने में 140 दिन तक लग जाते हैं। एक हेक्टेयर मैं उत्पादन की अगर बात की जाए तो 9 क्विंटल के मध्य में उत्पादन प्राप्त हो जाता है।
लाभ सेक्शन 2 किस्म के पौधे
इस किस्म के पौधे की सबसे खास बात यह है कि इन पौधों को असिंचित और सिंचित दोनों प्रकार की भूमि में अधिक मात्रा में उत्पादन किया जा सकता है। पौधे को पकड़ तैयार होने में लगभग 135 दिन लग जाते हैं। इसमें एक हेक्टेयर में 10 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हो सकता है।
अजवाइन फसल की पैदावार और लाभ
दोस्तों अजवाइन की फसल की पैदावार को पक कर तैयार होने में 160 दिन तक लग जाते हैं। इस फसल की कटाई को करके उन्हें एकत्रित करके सुखा दिया जाता है। तत्पश्चात सूख जाने के बाद बीजों को डंडे से मार कर अलग कर दिया जाता है। अजवाइन की खेती से एक हेक्टेयर में 10 क्विंटल तक का उत्पादन बड़ी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है अगर बाजरी भाव की बात की जाए तो ₹13000 से लेकर ₹21000 तक प्रति क्विंटल के हिसाब से अजवाइन बिकता है। अगर कोई व्यक्ति इसकी खेती को करता है तो वह बड़ी आसानी से लाख सवा लाख रुपए तो कमा ही लेता है।